
गोरखपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) अब केवल मरीजों का इलाज ही नहीं कर रहा, बल्कि अपराध की गुत्थियां सुलझाने में भी पुलिस का साथ दे रहा है। हाल ही में एम्स गोरखपुर ने पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक एविडेंस को लेकर पुलिस अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया।
13-14 अगस्त को डॉक्टरों को मिला प्रशिक्षण, अब बारी पुलिस की
जहां 13 और 14 अगस्त को जिले के चिकित्सा अधिकारियों को पोस्टमार्टम प्रक्रियाओं में प्रशिक्षित किया गया, वहीं सोमवार (19 अगस्त) को यह प्रशिक्षण पुलिस विवेचना अधिकारियों को भी दिया गया।
क्या सिखाया गया पुलिस अधिकारियों को?
प्रशिक्षण सत्र में अधिकारियों को बताया गया:
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Evidence Collection की बारीकियां
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Postmortem रिपोर्ट को Scientific तरीके से Analyze करना
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सही निष्कर्ष निकालने के Practical तरीके
इन सबके जरिए यह सुनिश्चित किया गया कि जांच में कोई कड़ी छूट न जाए, और न्याय की प्रक्रिया और मजबूत हो।
एम्स की कार्यकारी निदेशक भी रही मौजूद
इस खास मौके पर एम्स की कार्यकारी निदेशक भी प्रशिक्षण सत्र में शामिल हुईं। उन्होंने आगे भी पुलिस विभाग के साथ सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।
पुलिस विवेचना में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की जरूरत
पोस्टमार्टम रिपोर्ट किसी भी केस की दिशा तय कर सकती है। ऐसे में रिपोर्ट को सिर्फ कागज़ नहीं, एक साक्ष्य के रूप में समझना जरूरी है। यही वजह है कि AIIMS ने यह कदम उठाया।
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